Friday, May 4, 2018

जि‍क्र मौसम का .....



'' इश्‍क की बात करनी थी
जि‍क्र मौसम का ही कर गए होते
खाली-खाली सा दि‍ल था
आते-जाते हुए ज़रा भर गए होते '' 

3 comments:

  1. वाह!! बहुत सुन्दर!!

    ReplyDelete
  2. सुन्दर रचना हेतु बधाई,

    मेरे हिन्दी ब्लॉग "हिन्दी कविता मंच" पर "अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस" के नए पोस्ट "मजदूर - https://hindikavitamanch.blogspot.in/2018/05/world-labor-day.html " पर भी पधारे और अपने विचार प्रकट करें|

    ReplyDelete

अगर आपने अपनी ओर से प्रतिक्रिया पब्लिश कर दी है तो थोड़ा इंतज़ार करें। आपकी प्रतिक्रिया इस ब्लॉग पर ज़रूर देखने को मिलेगी।