Sunday, December 13, 2015

हम डरने लगे हैं......


डरती हूं
हर दि‍न, गुजरे हुए दि‍न से भी ज्‍यादा
फि‍र एक बार तन्‍हाई के ख्‍याल से
वो लंबे, खाली-खाली दि‍न
धूप में छुपे, गए वक्‍त की परछाईं को
अंधों की तरह टटोलना
सूनी दोपहरि‍यों में
कौओं की कांव-कांव से चि‍हुंकना
ढीले टोंटी वाले नल से
आंगन में लगातार पानी का बहना
और गली में घूमते
फेरीवाले की आवाज से नि‍:स्‍तब्‍धता का टूटना
कुछ भी तो नहीं होता जीवन में
जब मन से तन्‍हा होता है कोई
इसलि‍ए , डर रही हूं
फि‍र एक बार बाहर धूप पसर रही है
अंदर तन्‍हाईयों की अनसुनी दस्‍तक है
कौन जाने कि‍स दि‍न, कि‍स वक्‍त
कि‍स ओर के सफ़र का आगाज हो जाए....

वो डरता है
हवाओं के तेज चलने से
शाख से पत्ति‍यों के गि‍रने से
दरअसल
ठूंठ हो चुके पेड़ पर अनायाय जन्‍मे नन्‍हें पत्‍ते को
उतनी ही कोमलता और उम्‍मीद से
नि‍हारता है कोई
ज्‍यों आस खोने के बरसों बाद
कि‍सी आंगन में कि‍लकारी गूंजे
इसलि‍ए
हवाओं की दि‍शा बदलना चाहता है वो
नहीं गि‍रेंगी आंधि‍यों में भी वो ठूंठ
यह यकीन लि‍ए शुतूरमुर्ग बना बैठा है वो
भरे बादलों वाले दि‍न में भी
मन का मोर नहीं नाचता अब
चमकीले सुंदर पंखों वाला भी
अपने पैरों की बदसूरती से अनजान नहीं.....

हम दोनों ही डरने लगे हैं अब
कल्‍पनाओं की दुनि‍यां,
हकीकत की ति‍क्‍तता से
बड़ी ही खूबसूरत रची थी नई दुनि‍यां
ख्‍वाबों के आसमान पर सुनहरे गोटे से
इन्‍द्रधुनष उगाया था
प्रेम के उड़नखटोले पर बैठ
सातों पहाड़ पार कर चुके थे जब हम
पता चला
हाहाकार मचाते समुद्र की गहराईयों में
उतरना होगा हमें
तब होंगे ईश्‍वर की परीक्षा में उत्‍तीर्ण
और हमदोनों जानते हैं
सात पहाड़, सात जन्‍म, सात फेरों का बंधन
एक भरोसे के टूटने पर समाप्‍त हो सकता है।

तस्‍वीर...एक पहाड़ी महि‍ला की, जरा दूरी से ली थी यह फोटो

4 comments:

जमशेद आज़मी said...

बहुत ही सुंदर रचना की प्रस्‍तुति।

कविता रावत said...

और हमदोनों जानते हैं
सात पहाड़, सात जन्‍म, सात फेरों का बंधन
एक भरोसे के टूटने पर समाप्‍त हो सकता है।
.. ..सच भरोसे की टूटन पल भर में सबकुछ बिसार देने के लिए काफी है ...

कविता रावत said...

और हमदोनों जानते हैं
सात पहाड़, सात जन्‍म, सात फेरों का बंधन
एक भरोसे के टूटने पर समाप्‍त हो सकता है।
.. ..सच भरोसे की टूटन पल भर में सबकुछ बिसार देने के लिए काफी है ...

Satish Saxena said...

ईमानदार प्रभावी अभिव्यक्ति ..... मंगलकामनाएं आपको !