Saturday, October 19, 2013

'फूल' हूं मैं


कहते थे तुम
'फूल' हूं मैं
मगर
तेज हवाओं ने
तोड़ डाला मुझको
अब सूखना
मेरी नि‍यति है......

7 comments:

Anonymous said...
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Anonymous said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल {रविवार} 20/10/2013------ है जिंदगी एक छलावा -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल चर्चा अंक : 30 ----- पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
ललित चाहार

shalini rastogi said...

आपकी इस उत्कृष्ट रचना की चर्चा कल 20/10/2013, रविवार ‘ब्लॉग प्रसारण’ http://blogprasaran.blogspot.in/ पर भी ... कृपया पधारें ..

Neeraj Neer said...

उफ्फ.. वेदनापूर्ण

मुकेश कुमार सिन्हा said...

har aane wale ko jana pdta hai :)

Asha Lata Saxena said...

सुन्दर प्रस्तुति |
आशा

संजय जोशी "सजग " said...

sunder