Wednesday, March 13, 2013

छोड़ दि‍या हमने भी ....

(((...TODAY IS NO SMOKING DAY...)))


चल....
आज अंति‍म बार
तेरी याद को
तेंदू पत्‍ते में भर
कस कर 
एक धागे से लपेट दूं

और
सुलगा के उसे
लगाउं एक लंबा सा कश....
फूंक दूं अपने सीने की
सारी जलन

जलती बीड़ी के सि‍रे को
और लहका कर
जल्‍द ख़त्‍म कर दूं सब

और
चीखकर कहूं दुनि‍या से
लो
छोड़ दि‍या हमने भी
कश ले-लेकर अपनी ही जिंदगी को पीना.....


तस्‍वीर---साभार गूगल

11 comments:

  1. कमाल का बिम्ब ... उनकी यादों को काश के सहारे पी लेना ओर उतार लेना जिस्म में कोने कोने में ...
    बहुत खूब ...

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  2. बहुत ही सुन्दर भाव...

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  3. आपकी प्रविष्टि कल के चर्चा मंच पर है
    धन्यवाद

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  4. यादों का कश ..
    बहुत खूब
    सादर !

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  5. बहुत सुन्दर! लाजवाब!

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  6. धुंए में झोंक दिया दिल के अरमानों को तेरे लिए....विचित्र उद्गार।

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  7. और
    चीखकर कहूं दुनि‍या से
    लो
    छोड़ दि‍या हमने भी
    कश ले-लेकर अपनी ही जिंदगी को पीना---
    बहुत सुंदर जीवन की बात

    मेरे ब्लॉग में सम्मलित हों
    jyoti-khare.blogspot.in

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  8. प्रखर और चुभती अनुभूति जीवन्त बिंबों में !

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  9. koshish to karna hi chahiye .....bahut badhiya ....

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  10. चल....
    आज अंति‍म बार
    तेरी याद को
    तेंदू पत्‍ते में भर
    कस कर
    एक धागे से लपेट दूं..मेरी बेहद पसंदीदा पंक्तियाँ !!

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