Thursday, May 3, 2012

खास बात....

हर समाप्‍ति के बाद, एक नई शुरूआत होती है
मगर लागू कहां जीवन में मेरे यह बात होती है
जो पाया...गंवाया, सब मि‍ले बि‍छड़ने के लि‍ए
हो जि‍सकी उजली सहर, कहां वैसी मेरी कोई रात होती है
जब भी राहे-मंजि‍ल को चले, कदम चौराहे पर ठि‍ठके रहे
मनचाहा आसमान पाने वालों में जरूर कोई खास बात होती है.....।

10 comments:

RITU BANSAL said...

बहुत सुन्दर !

Arun sathi said...

साधु-साधु

रविकर said...

शुक्रवार के मंच पर, लाया प्रस्तुति खींच |
चर्चा करने के लिए, आजा आँखे मीच ||
स्वागत है-

charchamanch.blogspot.com

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

मनचाहा आसमान पाने वालों में जरूर कोई खास बात होती है.....।

बहुत बढ़िया प्रस्तुति, सुंदर रचना,.....

MY RECENT POST.....काव्यान्जलि.....:ऐसे रात गुजारी हमने.....

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत बढ़िया प्रस्तुति, सुंदर रचना,.....

MY RECENT POST.....काव्यान्जलि.....:ऐसे रात गुजारी हमने.....

ANULATA RAJ NAIR said...

पाना खोना शायद सब नसीब की बात होती है.......

सुंदर भाव,

M VERMA said...

मनचाहा आसमान पाने वालों में जरूर कोई खास बात होती है.....।
उड़ान के लिए पर जरूरी तो नहीं

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
--
आज चार दिनों बाद नेट पर आना हुआ है। अतः केवल उपस्थिति ही दर्ज करा रहा हूँ!

वाणी गीत said...

मनचाहा आसमान पाना नसीब की भी बात होती है , यूँ तो हर इंसान में कोई ख़ास बात होती है !

virendra sharma said...

जब भी राहे-मंजि‍ल को चले, कदम चौराहे पर ठि‍ठके रहे
मनचाहा आसमान पाने वालों में जरूर कोई खास बात होती है.

बात नहीं ख़ास कोई होती हैं ,है ये अपने अपने नसीब की बात होती है .

अच्छी प्रस्तुति .