रूप का तिलिस्म जब अरूप का सामना करे, तो बेचैनियां बढ़ जाती हैं...
Wednesday, April 27, 2011
बेबस
यादें कभी मरती नहीं और न ही खत्म होती हैं भावनाएं दिल की, बात ये अलग है कि हालात बदल जाते हैं तो कल्पनाएं थम जातीं हैं फिर नया कुछ सोच नहीं पाता दिल और बेबस हो गुजरे कल में पुराना चेहरा तलाशा करता है......
1 comment:
छोटा सा सुंदर सा अनुभव ... आप कैसे सहज ढंग से ख देती हाँ सब ...
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