Friday, July 19, 2019

‘ज़िंदगी’

“ उजड़े दयार में
खिलने लगे हैं अब
फूल भी
तेरे जाने के बाद,
अब तीरगी की बात कौन करे !”




ज़िंदगी’
जी भर कर तन्हा कर दे मुझे
वादा है..
तुझसे मोहब्बत करती रहूँगी ।

4 comments:


  1. जय मां हाटेशवरी.......
    आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
    आप की इस रचना का लिंक भी......
    21/07/2019 को......
    पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
    शामिल किया गया है.....
    आप भी इस हलचल में......
    सादर आमंत्रित है......

    अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
    https://www.halchalwith5links.blogspot.com
    धन्यवाद

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  2. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (21 -07-2019) को "अहसासों की पगडंडी " (चर्चा अंक- 3403) पर भी होगी।

    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    अनीता सैनी

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  3. बहुत सुन्दर

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  4. बहुत सुंदर मुक्तक। मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
    iwillrocknow.com

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