ज़िंदगी में ग़म
शुमार करना है
एक बार फिर से
उसे प्यार करना है
वक़्त के ख़ाली लिफ़ाफ़े से
अब जी नहीं बहलता
फूलों की गमक से
अपनी शाम भरना है
नहीं भाता सर्दियों के
उदास मौसम में
धड़कनों का इस क़दर
सर्द हो जाना
किसी की याद में फिर से
दिल बेक़रार करना है
सुन ए दिल एक बार
फिर से उसे प्यार करना है ....।
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना शुक्रवार ११ जनवरी २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
धन्यवाद
Deleteपुटूस का फूल भी इतना सुंदर लगता है...👌👌👌
ReplyDeleteहाँ, मुझे पसंद है
Deleteदिल को छु लिया |||
ReplyDeletehttps://kirtigautamrelive.blogspot.com/2018/12/zindagi-sirf-gujarne-ka-naam-hai.html
धन्यवाद
ReplyDeleteबेहतरीन रचना......... बहुत खूब....
ReplyDeleteबहुत खूब .......आदरणीया
ReplyDeleteवाह!!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
वाह अंतर तक पैठती अभिव्यक्ति ।
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