Friday, February 9, 2018

पतझड़ की आहट...


बहुत शोर है हवाओं का 
सरसरा रहे हैं पत्ते
झूम रहे हैं पेड़ सभी
धूलों का बवंडर
उठ-उठ कर 
खिड़कियों के रास्ते
बिछ रहा कमरे की फ़र्श पर
मन भी ज़रा अनमना सा है
बताए कोई
यह बसंत है या
है पतझड़ की आहट....

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