रूप-अरूप
रूप का तिलिस्म जब अरूप का सामना करे, तो बेचैनियां बढ़ जाती हैं...
Friday, December 2, 2016
बेवफाओं का अंदाज....
गए दिन ने आज से कहा ख़बर जो कोई मिले मुझको ख़त लिखना बादलों के रंग से जमीं को कोई उम्मीद न देना
बेवफ़ाओं का अंदाज बड़ा हसीन होता है।
तस्वीर....गुजरे शाम की
2 comments:
Onkar
said...
बहुत खूब
Saturday, December 03, 2016 9:47:00 AM
Udan Tashtari
said...
उम्दा
Sunday, December 04, 2016 12:02:00 PM
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बहुत खूब
उम्दा
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