रूप का तिलिस्म जब अरूप का सामना करे, तो बेचैनियां बढ़ जाती हैं...
सुन्दर पंक्तियाँ
नए परिवेश में जाकर पुराने दिन कहाँ भूलते हैं ... मीठी यादें रह जाती हैं ...
अगर आपने अपनी ओर से प्रतिक्रिया पब्लिश कर दी है तो थोड़ा इंतज़ार करें। आपकी प्रतिक्रिया इस ब्लॉग पर ज़रूर देखने को मिलेगी।
सुन्दर पंक्तियाँ
ReplyDeleteनए परिवेश में जाकर पुराने दिन कहाँ भूलते हैं ... मीठी यादें रह जाती हैं ...
ReplyDelete