सुखद संयोग है कि कल मेरे बेटे अमित्युश का जन्मदिन था और आज 'मदर्स डे'...मैंने उसके लिए कुछ पंक्ितयां लिखी हैं जो आज साझा कर रही हूं.....
तेरे माथे पर स्नेहिल चुम्बन
वर्ष गांठ अक्षत आलिंगन ।।
तुझ से मुझ में ममता आई
जब बनी मैं मात तेरी हर्षाई ।।
वर्ष गांठ अक्षत आलिंगन ।।
तुझ से मुझ में ममता आई
जब बनी मैं मात तेरी हर्षाई ।।
तुझ से रूप ये पूर्ण हुआ मेरा
तू खुशियों का बन गया सवेरा ।
तूने अभिरूप को आवाज़ लगाई ।।
तू खुशियों का बन गया सवेरा ।
तूने अभिरूप को आवाज़ लगाई ।।
मेरे आंचल की छांव में रहना
तू जीवन का है पहला गहना
तेरी वाणी में है मेरी स्वांस शहनाई।।
तू जीवन का है पहला गहना
तेरी वाणी में है मेरी स्वांस शहनाई।।
आदर्श का गर्व तू रश्मि का दीप
मुक्ता मणि बेटा मेरा मैं तेरी सीप
उल्लास भरे इस दिन में, मैं जिसे धरा पर लाई।।
मुक्ता मणि बेटा मेरा मैं तेरी सीप
उल्लास भरे इस दिन में, मैं जिसे धरा पर लाई।।
चन्द्र रश्मियां करे नित अभिनंदन
सूर्य किरणों सा प्रखर हो जीवन
शुभ जन्मदिन की पावन बेला, देखो फिर से आई।।
सूर्य किरणों सा प्रखर हो जीवन
शुभ जन्मदिन की पावन बेला, देखो फिर से आई।।
2 comments:
ma bete dono ko bdhai .....
बहुत सुन्दर रचना1 जन्म्दिन की हार्दिक बधाई धेरों आशी
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