सभी ब्लॉगर साथियों को नववर्ष की बधाई और शुभकामनाएं...
'साल की आखिरी शाम मुबारक हो' ....ढलते सूरज को देखना...कितना खूबसूरत लगेगा, मेरी आंखें भी टिकी रहेंगी उस नारंगी गोले पर।
साल की अंतिम शाम ढलने से ठीक पहले कहा था उसने, मगर बादलों ने न पूरी होने दी कही बात, न मेरा वादा।
नए वर्ष का पहला दिन.....सूरज अाज भी छुपा रहा..जाते साल की तरह। सांझ रिमझिम बारिश....सिहर उठा तन। मैं बाॅलकनी पर भाप उड़ाते चाय का कप पकड़े सोचती रही....वाकई वक्त से बड़ा कुछ नहीं होता....
तन पर पड़ती हल्की फुहारों ने मन पर रेशमी फाहे रख दी। तुम्हारी गंध से भरी। अब तुम कस्तूरी, मैं हिरण।
रेडियो पर बज रहा गाना......'क्या कहूं...मेरा जो हाल है......रात-दिन तुम्हारा ख्याल है, फिर भी जाने जां...मैं कहां और तुम कहां...'
रेडियो पर बज रहा गाना......'क्या कहूं...मेरा जो हाल है......रात-दिन तुम्हारा ख्याल है, फिर भी जाने जां...मैं कहां और तुम कहां...'
बारिश और तेज हो गई् .....सर्र..सर्र..सिहरा रही है तन ये ठंडी हवा। साल का पहला दिन गुजरा..अब रात बाकी है.....देखो पश्िचम की ओर..लगता है सूरज ठहरा है....है लालिमा रात की कालिमा के साथ। देखो तो सही....सुनो अब
साथ यूं ही बना रहे, साल चाहे कितने बदले.....बस तुम न बदलना...यूं ही साथ चलना...
तस्वीर....कोहरे भरे दिन की
तस्वीर....कोहरे भरे दिन की
7 comments:
भावपूर्ण रचना ...
सार्थक प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (03-01-2015) को "नया साल कुछ नये सवाल" (चर्चा-1847) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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नव वर्ष-2015 आपके जीवन में
ढेर सारी खुशियों के लेकर आये
इसी कामना के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बधाई
सुंदर रचना
सुंदर अभिव्यक्ति..
ठंडा ठंडा कूल कूल होकर आया नया साल..
हार्दिक शुभकामनायें!
ठंडा ठंडा कूल कूल होकर आया नया साल..
हार्दिक शुभकामनायें!
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