रूप का तिलिस्म जब अरूप का सामना करे, तो बेचैनियां बढ़ जाती हैं...
Wednesday, December 3, 2014
मुरझा जाते हैं....
आओ मिल जाओ साथ रहें कुछ दिन, कुछ बरस और जुदा हो जाओ फिर कभी न मिलें हम कुछ रिश्ते बहुत करीब होने पर खो जाते हैं, मुरझा जाते हैं.... तस्वीर....छुईमुई की शरमाई पत्तियों के बीच खिला फूल
3 comments:
बहुत सुन्दर
रिश्ते कब खत्म हुए हैं ,फर्क उन्हें निभाहने में आ जाता है , बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
bahut sunder rachna kuch rishtey aise hi hote hai taazaaa hamesha
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