Monday, February 3, 2014

धरा पर बसंत ऋतु आई....

मुरझाई सी अमराई में
है गुनगुन
भौरों की आहट
खि‍ले बौर अमि‍या में
मंजरी की सुगंध छाई

धूप ने पकड़ा
प्रकृति‍ का धानी आंचल
देख सुहानी रूत
फूली सरसों, पीली सरसों
इतराती है जौ की बालि‍यां

गया शिशि‍र
धूप खि‍ली,झूमीं वल्‍लरि‍यां
फुनगी पर सेमल की
नि‍खरी हर कलि‍यां

महुआ की डाल पर
अकुलाया है मन
चि‍रैया की पांख पर
उतर आया
स्‍मृति का मदमाता
केसरि‍या बसंत

ठूंठ से फूटती
नवपल्‍ल्‍व
टेसू से टहक नारंगी लौ
नव कोंपल ने आवाज लगाई
छोड़ मन की पीड़ा
देख ले तू मुड़कर एक बार
राही
धरा पर बसंत ऋतु आई

पुन: पोस्‍ट-

तस्‍वीर.....बसंत के आगमन और मेरे कैमरे की नजर...


6 comments:

  1. मनोहारी वर्णन बसंत का !!बहुत सुंदर रचना।
    शुभकामनायें .

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  2. बसंत का सुंदर आगमन--
    बहुत मनभावन रचना
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    बधाई -----

    आग्रह है--
    वाह !! बसंत--------

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  3. बसंत का सुंदर आगमन
    आप को और पूरे परिवार को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं...!!

    @ संजय भास्कर

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  4. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, माँ सरस्वती पूजा हार्दिक मंगलकामनाएँ !

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  5. सुन्दर रचना।।

    बसन्तपंचमी और सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाओं सहित।।
    नई कड़ियाँ : गौरैया के नाम

    फरवरी माह के महत्वपूर्ण दिवस

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  6. अभिव्यक्ति की चित्रात्मकता सामने दृष्य-सा खड़ा करे दे रही है !

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