Friday, October 4, 2013

सिंदुरी रंग.....





मांगकर शाम से
उसका
सिंदुरी रंग
लगा चेहरे पर
गई
पी से मि‍लन को
बैरन रात ने
सोख लि‍ए
चेहरे के शोख रंग
दि‍या कजरी रंग
मोरे पी नासमझ ने
कह अमावस
हि‍या दि‍या जलाय
अब कौन इसे समझाय.....

4 comments:

  1. सुन्दर प्रस्तुति
    शुभकामनायें आदरणीया ||
    नवरात्रि की शुभकामनायें-

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  2. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .. आपकी इस रचना के लिंक की प्रविष्टी सोमवार (07.10.2013) को ब्लॉग प्रसारण पर की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें .

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  3. भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....

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