रूप का तिलिस्म जब अरूप का सामना करे, तो बेचैनियां बढ़ जाती हैं...
Thursday, October 17, 2013
तेरे साथ रहेगी मेरी ये वफ़ा....
उम्र भर तेरे साथ रहेगी मेरी ये वफ़ा हमसफ़र न बन सके तो क्या हुआ तेरी यादों को सीने से लगाए कट ही जाएगी ये जिंदगी सिवा तेरे किसी और के न हो सके तो क्या हुआ.......
आपकी लिखी रचना मुझे बहुत अच्छी लगी .........
ReplyDeleteशनिवार 19/10/2013 को
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
में आपकी प्रतीक्षा करूँगी.... आइएगा न....
धन्यवाद!
बहुत ही खुबसूरत और प्यारी रचना..... भावो का सुन्दर समायोजन......
ReplyDeleteVery nice
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