रूप का तिलिस्म जब अरूप का सामना करे, तो बेचैनियां बढ़ जाती हैं...
Saturday, August 3, 2013
"शुभ हो गई सुबह "
भीगी-भीगी सी सुबह मद्धम चलती ठंढ़ी हवा चोंच लड़ाती एक जोड़ी गौरैया और इधर से उधर मंडराती एक अकेली मैना.... आहा....आ गया फुदकता हुआ उसका साथी..... "शुभ हो गई सुबह " एक खूबसूरत सी सुबह और मेरे कैमरे की आंख....
बेहतरीन अभिवयक्ति.....
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (04-08-2013) के चर्चा मंच 1327 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
ReplyDeleteचित्र और भाव दोनों ही सुंदर.
ReplyDeleteरामराम.
वाह , बहुत सुंदर
ReplyDeleteयहाँ भी पधारे
गजल
http://shoryamalik.blogspot.in/2013/08/blog-post_4.html
ताज़ा प्राकृति की गोद में सुबहा ताजी ही रहती है ... बहुत खूबसूरत फोटो ...
ReplyDeleteनया संदेश लाती है हर सुबह!
ReplyDeleteसुंदर पोस्ट और सुंदर चित्र.
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