Tuesday, August 13, 2013

जिंदगी इतनी भी रहमदि‍ल नहीं होती......


होकर बेइख्‍़ति‍यार
छू लि‍या तुम्‍हें
एक आवारा से पल में
मेरे अहसास ने
जबकि‍ तय हुआ था
आजन्‍म 
एक मर्यादि‍त दूरी
हमारे दरमि‍यां

प्रेम दंश देता है
और फूलों सा
कोमल अहसास भी
बंदि‍शें जि‍स्‍म की होती है
रूह तो
आजाद उड़ान भरता है

तुम्‍हें हक है, सहस्रबाहु बनो
देह के स्‍पंदन को
मेरी तप्‍त सांसों को
अपनी सांस में भरो
प्रेम के लाल रंग से
जीवन-भीत रंग लो

मगर न भूलना ये
सारे सपने पूरे कर दे
जिंदगी इतनी भी
रहमदि‍ल नहीं होती
एक आवारा पल की शरारत
जिंदगी की दशा और दि‍शा
बदल दि‍या करती है.........


तस्‍वीर--साभार गूगल

7 comments:

  1. नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार (14 -08-2013) के चर्चा मंच -1337 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

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  2. जिंदगी रहम दिल नहीं होती ... पर उस आवारा पल में ही तो जिंदगी है ... उसी प्रेम पल के सहारे कट सकती है ...

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  3. , बहुत खूब, सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये

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  4. वाह बहुत सुंदर जज़्बात

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  5. कल 26/09/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद!

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  6. बहुत सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति...

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