Saturday, July 27, 2013

सदा साथ रहना....


ख्‍वाब की तरह आए जिंदगी में
अब हकी़कत बन साथ रहना

बन कर सुकून मि‍ले हो मुझको
अब अहसास बन साथ रहना


जो बि‍गड़ा है, सब संवार लूंगी
दर्द बनकर आंखों से न बहना

हंसी तुमसे, जिंदगी भी अब तुमसे

अंति‍म आस बन, सदा साथ रहना


तस्‍वीर--साभार गूगल

10 comments:

Dr. Shorya said...

हंसी तुमसे, जिंदगी भी अब तुमसे
अंति‍म आस बन, सदा साथ रहना

बहुत सुंदर

Shalini kaushik said...

जो बि‍गड़ा है, सब संवार लूंगी
दर्द बनकर आंखों से न बहना
bahut bhavnatmak abhivyakti .

मेरा मन पंछी सा said...

गहन भाव लिए सुन्दर रचना...
:-)

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत ही सुंदर.

रामराम.

अरुन अनन्त said...

नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज रविवार (28 -07-2013) के चर्चा मंच -1320 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

बहुत सुंदर

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत खूब सुंदर रचना ,,,

RECENT POST: तेरी याद आ गई ...

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत खूब सुंदर रचना ,,,

RECENT POST: तेरी याद आ गई ...

Asha Joglekar said...

साथ रहने की गुजारिश है
बस छोटी सी यही ख्वाहिश है ।

विभूति" said...

सुन्दर भावो को रचना में सजाया है आपने.....