Wednesday, July 10, 2013

महसूस करना इस प्‍यास को.....


बहुत मुमकि‍न है
जब
आधी रात को
उचट जाए नींद
और लगे कि
प्‍यास से गला सूखने लगा है
उसी दम
ठीक से महसूस करना
इस प्‍यास को
दरअसल
नींद उचटने की वजह
पानी की जरूरत नहीं
रोते दि‍ल की आवाज है
जो नि‍:शब्‍द होकर
तुम्‍हारे कानों तक पहुंचेगी
तुम जानते हो
कि‍सी का
होकर भी नहीं होना
क्‍या होता है
और जब
खुद पर लगाई गई हो
दुनि‍या भर की बंदि‍श
तो उस तड़प को सहना
कि‍तना मुश्‍कि‍ल होता है.......


तस्‍वीर--साभार गूगल 

10 comments:

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

क्या बात, बहुत सुंदर


कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री असली चेहरा : पढिए रोजनामचा
http://dailyreportsonline.blogspot.in/2013/07/like.html#comment-form

Dr. Shorya said...

वाह , बहुत सुंदर अभिव्यक्ति




यहाँ भी पधारे ,
रिश्तों का खोखलापन
http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_8.html

Shalini kaushik said...

. .बेहतरीन अभिव्यक्ति मन को छू गयी . आभार आगाज़-ए-जिंदगी की तकमील मौत है .आप भी पूछें कैसे करेंगे अनुच्छेद 370 को रद्द ज़रा ये भी बता दें शाहनवाज़ हुसैन .नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN हर दौर पर उम्र में कैसर हैं मर्द सारे ,

poonam said...

ufff sunder rachna

RITA GUPTA said...

अनकही तड़प .......मार्मिक वर्णन.

ताऊ रामपुरिया said...

दरअसल
नींद उचटने की वजह
पानी की जरूरत नहीं
रोते दि‍ल की आवाज है

बहुत ही संवेदनशील और मार्मिक भी.

रामराम.

दिगम्बर नासवा said...

बहुत खूब ... अपनी ही सिस्की की आवाज़ से उठता है इन्सान ...

ashokkhachar56@gmail.com said...

बहुत ही खुबसूरत

Darshan jangra said...

बहुत खूब ..

Anonymous said...

बहुत खूब ..