बहुत मुमकिन है
जब
आधी रात को
उचट जाए नींद
और लगे कि
प्यास से गला सूखने लगा है
उसी दम
ठीक से महसूस करना
इस प्यास को
दरअसल
नींद उचटने की वजह
पानी की जरूरत नहीं
रोते दिल की आवाज है
जो नि:शब्द होकर
तुम्हारे कानों तक पहुंचेगी
तुम जानते हो
किसी का
होकर भी नहीं होना
क्या होता है
और जब
खुद पर लगाई गई हो
दुनिया भर की बंदिश
तो उस तड़प को सहना
कितना मुश्किल होता है.......
तस्वीर--साभार गूगल
क्या बात, बहुत सुंदर
ReplyDeleteकांग्रेस के एक मुख्यमंत्री असली चेहरा : पढिए रोजनामचा
http://dailyreportsonline.blogspot.in/2013/07/like.html#comment-form
वाह , बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteयहाँ भी पधारे ,
रिश्तों का खोखलापन
http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_8.html
. .बेहतरीन अभिव्यक्ति मन को छू गयी . आभार आगाज़-ए-जिंदगी की तकमील मौत है .आप भी पूछें कैसे करेंगे अनुच्छेद 370 को रद्द ज़रा ये भी बता दें शाहनवाज़ हुसैन .नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN हर दौर पर उम्र में कैसर हैं मर्द सारे ,
ReplyDeleteufff sunder rachna
ReplyDeleteअनकही तड़प .......मार्मिक वर्णन.
ReplyDeleteदरअसल
ReplyDeleteनींद उचटने की वजह
पानी की जरूरत नहीं
रोते दिल की आवाज है
बहुत ही संवेदनशील और मार्मिक भी.
रामराम.
बहुत खूब ... अपनी ही सिस्की की आवाज़ से उठता है इन्सान ...
ReplyDeleteबहुत ही खुबसूरत
ReplyDeleteबहुत खूब ..
ReplyDeleteबहुत खूब ..
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