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बसाकर आंखों में भूल गए सांवरे....न रखो निशानी....मुझको काजल सा मिटा दो......जब याद कोई बेइंतहा आए और किसी शै सुकूं न मिले...... तो ऐसा ही कह उठता है मन....
जब दूर ही जाना था.....तो करीब आने की क्या जरूरत थी। जब तोड़ने थे सपने....तो सपने बुनने की क्या जरूरत....जिंदगी उन के गोले सी उलझ गई है......तुम थे....तो सब सुलझा था...अब किसी भी बात का कोई छोर नहीं मिलता....हर खुशी अपने साथ उदासी लेकर आती है.... उदासी तो खैर...प्यार की सौगात होती है
कहां गए मेरे मीत.....पलटकर आओ न आओ.....एक आवाज तो दो.....बता तो दो कि जहां हो...सुकून से हो.....मन परेशां होगा...डरेगा तो नहीं...जानते हो......सब गवां देने से कहीं बेहतर है इस अहसास के साथ जीना.....कि जो जहां है....खुश तो है.....
सुन रही हूं आज तुम्हारा पसंदीदा गाना....छुपा लो यूं दिल में प्यार मेरा....कि जैसे मंदिर में लौ दिये की.....बहुत बार सुना है पहले भी यह गीत....मगर आज इसका अर्थ नए अंदाज से समझ में आ रहा है....
''ये राग विरहा कि मत लगाना...कि जल के मैं राख हो चुकी हूं'' .......विरह वेदना क्या है....बहुत अच्छे से समझ गई हूं मैं....
अब समझ आता है चकोर की उस दर्दीली पुकार का मतलब....जो रातों को सुनकर सोचती थी कि आखिर क्यों ऐसे पुकारता है चकोर...क्यों रोता है चांद के लिए...
मेरा भी तो चांद दूर है मुझसे....चांदनी की तपिश देह जलाती है मेरा...बेअसर है प्यार का अनहद नाद.....सारी आवाजें ठीक वैसी ही है जैसा पहाड़ियों में तीनों तरफ से घिरी जगह.......जहां किसी का नाम लो तो उस आवाज की प्रतिध्वनि खुद अपने पास वापस आ जाती है.....सब अपने प्रिय का नाम पुकारते हैं......खुश होते हैं.....मगर मैं.....
देखो न मनमीत.......मैं कब से तुम्हारा नाम पुकार रही हूं.....और मेरी आवाज मुझ तक वापस आ रही है.....पहाड़ों......पठारों से टकरा कर....
जानां.....बोलो.....इन आवाज के संग क्या तुम न आओगे ???
तस्वीर--सनासर के पास की जहां से आवाज लगाने पर वापस लौट कर आती है
10 comments:
गजब की प्रस्तुति
nice creation
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन वंडरफ़ुल दुध... पियो ग्लास फ़ुल दुध..:- ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
बहुत सुंदर
क्या बात
बहुत सुंदर रचना.
भावपूर्ण अभिव्यक्ति
भावनाओं को बिलकुल साकार कर दिया है,अच्छी अभिव्यक्ति
भावनाओं को बिलकुल साकार कर दिया है,अच्छी अभिव्यक्ति
प्रेमिल सब कुछ।
NICE EMOTIONAL CREATION
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