Friday, February 1, 2013

तीन अहसास कुछ अलग से...



वक्‍त की सलीब पर
टंगी है
कुछ उदास बातें
चंद अहसास
और उनकी याद
जि‍नका नाम
जिंदगी की स्‍लेट से
हम पोंछ चुके होते हैं
_____________

अक्‍सर यूं होता है
संगीत के तेज शोर के बीच
हम एकाकी होते हैं
अतीत से लड़ते
झगड़ते
वर्तमान से आंखें चुराकर
कुछ खुश पल यादों को
पलटकर देखते
_________

'प्रेम'
जब भी आता है
हृदयतल से ही आता है
जिंदगी की स्‍लेट से
नाम भले पोंछ दे हम
प्‍यार कभी मि‍टता नहीं.....

तस्‍वीर--साभार गूगल

15 comments:

  1. ज़िंदगी की तस्वीरें ....
    सुंदर रचनाएँ......

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  2. sundar bhavpurn rachan ,gahre ahsas se bhari huyee ***प्रेम'
    जब भी आता है
    हृदयतल से ही आता है
    जिंदगी की स्‍लेट से
    नाम भले पोंछ दे हम
    प्‍यार कभी मि‍टता नहीं.....

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  3. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (2-2-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
    सूचनार्थ!

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  4. सुंदर पंक्तियाँ...

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  5. सही है प्यार कभी मिटता नहीं
    सादर !

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  6. कोमल अहसास लिए बहुत सुन्दर हृदयस्पर्शी रचना..

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  7. भावों से नाजुक शब्‍द.

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  8. अक्‍सर यूं होता है
    संगीत के तेज शोर के बीच
    हम एकाकी होते हैं
    अतीत से लड़ते
    झगड़ते
    वर्तमान से आंखें चुराकर
    कुछ खुश पल यादों को
    पलटकर देखते


    बहुत अच्छा लिखा है.

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  9. नाम पोंछने से यादें मिट सकतीं तो बात ही क्या है ...
    बहुत खूब एहसास हैं ....

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  10. प्रेम'
    जब भी आता है
    हृदयतल से ही आता है
    जिंदगी की स्‍लेट से
    नाम भले पोंछ दे हम
    प्‍यार कभी मि‍टता नहीं.....सचमुच बहुत ही कोमल सा थपकी भरा प्यारा सा अहसास ,सुन्दर रचना हेतु प्यार भरा धन्यवाद

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