Sunday, February 10, 2013

टैडी डे......



जब भी याद तेरी आई
गले इसे लगाया....

जो कह न पाई तुझसे
सब कुछ इसे बताया...

जब तन्‍हा-उदास हुई
हर वक्‍त इसे साथ पाया...

इस भरी दुनि‍यां में
यही तो है मेरा हमसाया....

मेरा टैडी.....प्‍यारा टैडी....क्‍या तुम्‍हें भी चाहिए टैडी......

तस्‍वीर--साभार गूगल

8 comments:

  1. सुंदर जब भी याद तेरी आई
    गले इसे लगाया....

    जो कह न पाई तुझसे
    सब कुछ इसे बताया...

    जब तन्‍हा-उदास हुई
    हर वक्‍त इसे साथ पाया...

    इस भरी दुनि‍यां में
    यही तो है मेरा हमसाया....

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  2. बहुत कोमल प्रस्तुति

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    --
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (11-02-2013) के चर्चा मंच-११५२ (बदहाल लोकतन्त्रः जिम्मेदार कौन) पर भी होगी!
    सूचनार्थ.. सादर!

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  4. इसने तो मुझे भी है रूलाया
    जब मेरी बिटिया ने
    ज़िद करके महंगा टैडी खरीदवाया।
    अब वो हो चुकी है बड़ी
    लेकिन आज़ भी फुर्सत में
    अपनी टैडी के साथ
    हमेशा रहती है खड़ी।

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  5. कोमल प्रस्तुति...

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  6. कोमल प्रस्तुति...

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