Monday, January 28, 2013

दामि‍नी.....नहीं मि‍लेगा तुम्‍हें न्‍याय



मत करो दामि‍नी
तुम कि‍सी इंसाफ का इंतजार
नहीं मि‍लेगा तुम्‍हें न्‍याय

उम्र कच्‍ची थी उसकी
इसलि‍ए जुर्म बड़ा नहीं
क्‍या हुआ जो उसने कि‍या
तुम्‍हारे दामन को तार-तार
सरि‍या को तुम्‍हारे अंग के पार

बेचारा नादान है
बच्‍चा है
स्‍कूल सर्टिफिकेट ने कहा
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने माना
छूट गया वह

दुर्दांत है तो क्‍या
है तो कमउम्र..मासूम
और नाबालि‍ग को सजा
इस देश का कानून नहीं देता

देश के नाबालिगों
मेहनत मजदूरी मत करना
मगर
कर सकते हो बलात्‍कार
है तुम्‍हें सरकारी छूट....

मत करो दामि‍नी
तुम कि‍सी इंसाफ का इंतजार
नहीं मि‍लेगा तुम्‍हें न्‍याय

तस्‍वीर--साभार गूगल

17 comments:

  1. ऐसे दानव बच्चे यों ही छोड़ दिये जायेंगे,तब तो हो चुका मिदान -पूरे समाज का दामन तार-तार होता रहेगा .

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  2. इस जुर्म में यदि अपराधी बच गया तो फिर इन्साफ कैसा,,,,
    recent post: कैसा,यह गणतंत्र हमारा,

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  3. देश के नाबालिगों
    मेहनत मजदूरी मत करना
    मगर
    कर सकते हो बलात्‍कार
    है तुम्‍हें सरकारी छूट....

    एक दर्द भरी दास्ताँ ...और हमारा अंधा कानून

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  4. बालिग़ जब तक हो नहीं, चन्दा-तारे तोड़ ।
    मनचाहा कर कृत्य कुल, बाहें रोज मरोड़ ।

    बाहें रोज मरोड़, मार काजी को जूता ।
    अब बाहर भी मूत, मोहल्ले-घर में मूता ।

    चढ़े वासना ज्वार, फटाफट हो जा फारिग ।
    फिर चाहे तो मार, अभी तो तू नाबालिग ।।

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  5. बहुत ही मार्मिक रचना,नाबालिगों को ज्यादा छुट देना आगे चलकर ज्यादा अपराध करने के लिए प्रेरित करेगा।

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  6. अंधी देवी न्याय की, चालें डंडी-मार |
    पलड़े में सौ छेद हैं, डोरी से व्यभिचार |
    डोरी से व्यभिचार, तराजू बबली-बंटी |
    देता जुल्म नकार, बजे खतरे की घंटी |
    अमरीका इंग्लैण्ड, जुर्म का करें आकलन |
    कड़ी सजा दें देश, जेल हो उसे आमरण ||

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  7. कानून व्यवस्था पर शर्म आती है .... सबसे ज्यादा सज़ा का हकदार यूं ही छूट जाएगा ।

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  8. थी घटना ह्रदय विदारक

    सहानुभूति थी देश की

    आई जब कानून की बात

    दलील 'उम्र' की पेश की

    वितरक प्रमाण पत्र के कई हैं

    बना है बड़ा बड़ा बाड़ा

    कौन नहीं जानता, कैसे चलता है

    फर्जीवाड़ा .....बहुत ही सुन्दर आपने

    नारी की अंतर्वेदना को रखा है यहाँ

    ....आभार!

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  9. देश के नाबालिगों
    मेहनत मजदूरी मत करना
    मगर
    कर सकते हो बलात्‍कार
    है तुम्‍हें सरकारी छूट....

    आह! कुछ कहने की स्थिति में नहीं

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  10. अपने कानून व्यवस्था पर शर्म आरही है और कहाँ दरवाजा खटखटाए..?

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  11. देश के नाबालिगों
    मेहनत मजदूरी मत करना
    मगर
    कर सकते हो बलात्‍कार
    है तुम्‍हें सरकारी छूट.... वाह रश्मि ....तभी तो पट्टी है आँखों पर

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  12. बहुत सटीक एवं प्रभावशाली ! यही तो सबसे बड़ी विडम्बना है ! जब बचपन को सही दिशा और शिक्षा नहीं मिलती वह भटक जाता है ! इन भटके हुओं का कोई समाधान नहीं है किसी के पास बस मजदूरी करके या नौकरी करके आत्म निर्भर ना बनें या कोई हुनर ना सीखें सारी कवायद और जोर इसी बात पर है ! शुभकामनाएं आपको रश्मि जी !

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