Wednesday, January 30, 2013

उसकी आवाज और.....वो


एक ति‍लि‍स्‍म है
वो आवाज
जब उतरती है
तो
रूह तक पहुंचती है

गूंजती है
पहाड़ि‍यों में गुम कि‍सी आवाज की तरह
जि‍से छोड़ आता है
प्रेमि‍का की याद में...आस में
एक प्रेमी
जो यकीन करना चाहता है
दंतकथाओं पर
कि
कई जन्‍मों के बंधन पार कर
वो आएगी एक दि‍न

गहरी आवाज
कभी घाटि‍यों में उतरती झरने सी
मंदि‍र में बजती घंटि‍यों सी
या शाम की अज़ान सी

कभी इतनी प्‍यासी
कि सुनकर
नखलि‍स्‍तान बनने की कामना जागे

एक ति‍लि‍स्‍म
एक ज़ादू
उसकी आवाज
और.....वो....................।

तस्‍वीर--साभार गूगल

13 comments:

विभूति" said...

बहुत ही प्यारी और भावो को संजोये रचना......

रविकर said...

बढ़िया है आदरेया |

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति,,,,

recent post: कैसा,यह गणतंत्र हमारा,

Anupama Tripathi said...

सुंदर अभिव्यक्ति ...

डॉ. मोनिका शर्मा said...

उम्दा अभिव्यक्ति....

महेन्‍द्र वर्मा said...

कभी इतनी प्‍यासी
कि सुनकर
नखलि‍स्‍तान बनने की कामना जागे

नखलिस्तान और प्यास का प्रयोग कविता को और मुखर कर रहा है।

बहुत बढ़िया रचना।

महेन्‍द्र वर्मा said...

कभी इतनी प्‍यासी
कि सुनकर
नखलि‍स्‍तान बनने की कामना जागे

नखलिस्तान और प्यास का प्रयोग कविता को और मुखर कर रहा है।

बहुत बढ़िया रचना।

Suman said...

ह्रदय की गहराई से निकली आवाज को जरुर प्रतिसाद मिलेगा !
आभार ब्लॉग पर आने का !

हरकीरत ' हीर' said...

इतनी मीठी आवाज़ .....?
हम तो ललचा गए सुनने को ....:))

देवदत्त प्रसून said...

कभी इतनी प्‍यासी
कि सुनकर
नखलि‍स्‍तान बनने की कामना जागे
-------------------------------------
इतना सुन्दर विरोधाभास सराहनीय है |भावुकता का
ऐसा श्रेष्ठ अभिव्यक्तीकरण कम ही मिलता है !

दिगम्बर नासवा said...

जब आवाज़ में इतना जादू है तो उनमें क्या होगा ... लाजवाब भाव ...

kuldeep thakur said...

आप की ये खूबसूरत रचना शुकरवार यानी 8 फरवरी की नई पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही है...
आप भी इस हलचल में आकर इस की शोभा पढ़ाएं।
भूलना मत

htp://www.nayi-purani-halchal.blogspot.com
इस संदर्भ में आप के सुझावों का स्वागत है।

सूचनार्थ।

डॉ एल के शर्मा said...

एक ति‍लि‍स्‍म
एक ज़ादू
उसकी आवाज
और.....वो....................।
बेहद खूब !!