Saturday, December 22, 2012

राज़ जानने लगे हैं....


असलि‍यत अब
पहचानने लगे हैं
इसलि‍ए
इंसान..इंसानों से ही दूर
जाने लगे हैं

शराफत का नक़ाब
पहनकर
फरेब देने वाले
अब हो जाओ
होशि‍यार

मीठी बातों के पीछे
होते हैं
जहर बुझे खंजर
मासूम भी अब ये
राज़ जानने लगे हैं....

7 comments:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

मीठी बातों के पीछे
होते हैं
जहर बुझे खंजर
मासूम भी अब ये
राज़ जानने लगे हैं....

recent post : समाधान समस्याओं का,

Shalini kaushik said...

very nice. भारतीय भूमि के रत्न चौधरी चरण सिंह



रचना दीक्षित said...

रश्मि बहुत सही कहा कि शराफत का नकाब पहनकर लोग को धोखा देने का षड्यंत्र अब ज्यादा नहीं चल सकेगा.

रचना दीक्षित said...

रश्मि तुम्हारे ब्लॉग को ज्वाइन भी कर रही हूँ.

मुकेश कुमार सिन्हा said...

samajh me aane lage hain
inn jahar bujhe khanjaro se bachna ke tareeke aane lage hain:)

Onkar said...

सटीक रचना

Ankur Jain said...

सुंदर, संक्षिप्त, सारगर्भित प्रस्तुति...
दिल्ली की घटना पर इंसानी प्रवृत्ति की सही झांकी प्रस्तुत करती रचना।