Saturday, September 29, 2012

याद आई है....

चांद ने अपनी चांदनी बि‍खराई है
मुझको फि‍र आपकी याद आई है ।

इंतजार का यही सि‍ला मि‍ला मुझे
कि‍ वक्‍त ने फि‍र दुश्‍मनी नि‍भाई है।।



कैसे न उठेगा आपके भी दि‍ल में दर्द
कि फि‍र आंख मेरी भर आई है।

चलो सुकून तो इतना है मुझको
कि आपने वफा ही नि‍भाई है ।।

9 comments:

  1. आपकी यह बेहतरीन रचना बुधवार 03/10/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!

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  2. बहुत सुंदर एवं कोमल अभिव्यक्ति ....

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  3. वाह क्या बात है एक एक शब्द शानदार है बहुत खूब उम्दा रचना, बहुत-२ बधाई रश्मि जी

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  4. चलो सुकून तो इतना है मुझको
    कि आपने वफा ही नि‍भाई है,,,

    वाह,,बहुत सुंदर पंक्तियाँ,,,,
    RECENT POST : गीत,

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  5. बहुत बहुत सुन्दर......
    आपके ब्लॉग की चर्चा कुछ दिन पूर्व दैनिकभास्कर में भी थी.
    बधाई
    अनु

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  6. इधर की आँख में आँसू ले आना
    उधर के दिल में दर्द उठवाना
    बेतार के तारों का एक ये भी
    तो है सुंदर सा अफसाना !!

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  7. बहुत सुंदर प्रस्तुति |
    इस समूहिक ब्लॉग में पधारें और इस से जुड़ें |
    काव्य का संसार

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