Tuesday, September 18, 2012

तुम्‍हारा दि‍या नाम....

सुनो....
मुझे अब तक है तुम्‍हारा ही इंतजार
मगर
जि‍स दि‍न तुम
फैसला कर लोगे
दूर जाने का
और
लौटकर पास कभी नहीं आने का
उस दि‍न
अपना दि‍या नाम भी
संग अपने ले जाना.....

मैं नहीं चाहती
कि
जब मैं उदास हो
तुम्‍हारे जाने का मातम
इन आंखों में भरकर
उस दरवाजे की ओर
देखूं
जि‍स राह से
सिर्फ
तुम्‍हारे आने का
इंतजार हुआ करता था...

और ऐसे मुश्‍कि‍ल वक्‍त में
कोई और
तुम्‍हारे दि‍ए नाम से
पुकार ले मुझे
और मेरी
वीरान आंखों में
तुम्‍हारे लौट आने की मन्‍नत उपजे
फि‍र मैं.. घुटनों के बल
बैठ जाउं
दुआ के लि‍ए हाथ फैलाए

इसलि‍ए......
ले जाना तुम अपना दि‍या नाम भी
जो हर संबोधन के साथ
यादों में लि‍पटकर
बार-बार मुझ तक आ जाता है
....आने न पाए
और मैं
अपनी चुप्‍पि‍यों के साथ
तुम्‍हें भूलकर भी कोशि‍श करूं
बहते रहने की
जिंदा रहने की.........।

24 comments:

Shalini kaushik said...

nice presentation.कोई कानूनी विषमता नहीं ३०२ व् ३०४[बी ]आई.पी.सी.में

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

और
लौटकर पास कभी नहीं आने का
उस दि‍न
अपना दि‍या नाम भी
संग अपने ले जाना.....वाह,,,सुंदर अभिव्यक्ति,,,

RECENT P0ST फिर मिलने का

Dr.NISHA MAHARANA said...

jindgi jindadili ka hi nam hai ...

vandana gupta said...

उफ़ कितना दर्द है

Yashwant R. B. Mathur said...

बेहतरीन



सादर

ANULATA RAJ NAIR said...

बहुत सुन्दर भाव रश्मि जी....
कोमल से एहसास...

अनु

Arshia Ali said...

बहुत खूब।

............
हिन्‍दी की सबसे दुर्भाग्‍यशाली पुस्‍तक!

अरुन अनन्त said...

बहुत उम्दा प्रस्तुति, गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं

virendra sharma said...

इतनी शिद्दत से भी क्या कोई किसी को प्यार करता होगा ?हाँ करता ही होगा ,तभी तो ये एहसासात उपजतें हैं .बेहद सशक्त रचना .

udaya veer singh said...

सुंदर अभिव्यक्ति.......गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं

सुशील कुमार जोशी said...

बहुत सुंदर!!

आये नाम दिये और
चल दिये कहीं मगर
जाने को किसने रोका
नाम भी ले जाते अगर !

सदा said...

अनुपम भाव संयोजित किये हैं आपने ...आभार

मन के - मनके said...

भावभीनी अभिव्यक्ति

मन के - मनके said...

भावभीनी अभिव्यक्ति

मन के - मनके said...

भावभीनी अभिव्यक्ति

mridula pradhan said...

bhawbhini.....

मन्टू कुमार said...

प्रभावशाली रचना |

Onkar said...

सुन्दर रचना

sangita said...

बेहद सशक्त रचना .

Kailash Sharma said...

वाह! बहुत भावमयी प्रभावी रचना...

Anonymous said...

सबसे पहले हमारे ब्लॉग 'जज्बात....दिल से दिल तक' पर आपकी टिप्पणी का तहेदिल से शुक्रिया.........आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ...........पहली ही पोस्ट दिल बहुत पसंद आई.......बहुत खूब...........आज ही आपको फॉलो कर रहा हूँ ताकि आगे भी साथ बना रहे|

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heeru said...

bahut he sunder rachna...

Arun sathi said...

साधू साधू

Arun sathi said...

साधू साधू