Monday, September 24, 2012

मेरा नाम...



क्‍यों लि‍खते हो रेत पर मेरा नाम
इसे तो समुंदर मि‍टा जाएगा

आएगी एक पगलाई सी लहर
जो कुछ भी है..समा जाएगा

लि‍खना ही है तो लि‍खो तुम
अपने दि‍ल पर मेरा नाम ऐसे

कि न धूप न बारि‍श न लहर
और न ही वक्‍त इसे मि‍टा पाएगा......

9 comments:

Vinay said...

हमेशा की तरह बहुत सुंदर रचना

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

लि‍खना ही है तो लि‍खो तुम
अपने दि‍ल पर मेरा नाम ऐसे
कि न धूप न बारि‍श न लहर
और न ही वक्‍त इसे मि‍टा पाएगा......

वाह,बहुत सुंदर भाव लिये बेहतरीन प्रस्तुति,,,,रश्मि जी
WELCOM TO MY RECENT POST समय ठहर उस क्षण,है जाता,

travel ufo said...

बहुत ही सुंदर लाइने

Anupama Tripathi said...

na mitne wale sundar bhav ...!!
shubhkamnayen ...

Anonymous said...

बहुत खूबसूरत..... हो सके तो तस्वीर को ऊपर या नीचे की तरफ लगायें इससे पोस्ट की सुन्दरता बढ़ेगी ।

मनोज कुमार said...

सुंदर अभिव्यक्ति।

वाणी गीत said...

दिल पर लिखे नाम मिटायें नहीं जा सकते !
सही !

अरुन अनन्त said...

बेहतरीन सुन्दर रचना

मन्टू कुमार said...

जब नाम मिटाना ही है तो लिखने से क्या फायदा |

बहुत ही खूब |