Saturday, September 1, 2012

मन की उड़ान....

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नि‍यम..कायदे...उसूल
आखि‍र कब तक
ख्‍वाबों में पूरे करूं अरमान...

इस छोटी सी जिंदगी में
एक बार तो
भरूं मन की उड़ान....

चाहे संभलूं
चाहे गि‍रूं
अब जो भी हो अंजाम..

4 comments:

Anupama Tripathi said...

sundar man ki udan ....!!

Pallavi saxena said...

बस इस एक मन की उड़ान भरने की चाहत में नजाने कितनों की पूरी ज़िंदगी गुज़र जाती है बहुत हिम्मत चाहिए इस एक उड़ान की ख़ातिर ....

Asha Lata Saxena said...

बहुत सुन्दर भावों से सजी रचना |
आशा

Gyan Darpan said...

बहुत खूब