Friday, July 13, 2012

खुशि‍यों के पल

कि‍तने छोटे-छोटे होते हैं
खुशि‍यों के पल
छोटी चिड़ि़या की तरह
देखते ही देखते
फुर्र हो जाते हैं
और हम
भौचक्‍के हो....
तकते रह जाते हैं.....
मगर दुख के पल
पहाड़ बन जाते है
इतने उंचे...इतने वि‍शाल
कि‍ जि‍न्‍हें पार कर
न खुशि‍यों की धूप
खि‍लती है आंगन में
और न ही
मुस्‍कान भरा सवेरा होता है....
इसलि‍ए तो हर कि‍सी को लगता है
ये जीवन
आखि‍र ऐसा क्‍यों होता है......???

20 comments:

RADHIKA said...

वाह अत्यंत सुंदर अभिव्यक्ति और अत्यंत सुंदर चित्र

ANULATA RAJ NAIR said...

सच्ची कहा रश्मि जी.....
दुखो का एहसास द्विगुणित होकर होता है शायद...

अनु

कुमार राधारमण said...

क्यों स्थायी रहता है दुख,सोचें
जबकि नहीं है स्थायी कुछ भी
यहां तक कि जीवन भी!

सदा said...

बहुत ही बढिया ... अनुपम प्रस्‍तुति।

सदा said...

बहुत ही बढिया ... अनुपम प्रस्‍तुति।

dr.mahendrag said...

हर पल की होती अलग कहानी,
पर आंसू की होती एक कहानी ,
ख़ुशी दुखी दोनों पल में आ जाते,
पर कहते फिर अपनी अपनी कहानी

इनसे ही मिल बनती जीवन की कहानी

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत बढ़िया प्रस्तुति!
आपकी प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (14-07-2012) के चर्चा मंच पर लगाई गई है!
चर्चा मंच सजा दिया, देख लीजिए आप।
टिप्पणियों से किसी को, देना मत सन्ताप।।
मित्रभाव से सभी को, देना सही सुझाव।
शिष्ट आचरण से सदा, अंकित करना भाव।।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

मुस्‍कान भरा सवेरा होता है....
इसलि‍ए तो हर कि‍सी को लगता है
ये जीवन
आखि‍र ऐसा क्‍यों होता है......???

बहुत ही सुंदर भाव अभिव्यक्ति,,,बेहतरीन प्रस्तुति,,,

RECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...

शिवनाथ कुमार said...

बहुत सही लिखा आपने
सुख क्षणिक होता है और दुःख दीर्घकालिक

सुंदर रचना ...
पर मैं एक चीज बोलना चाहूँगा कि हमें हमें छोटी छोटी खुशियाँ इक्कठा करनी चाहिए
तब बड़ा दुःख भी छोटा प्रतीत होगा :)

Pallavi saxena said...

यह जीवन है इस जीवन का यही है यही है रंग रूप ...:)

Dipanshu Ranjan said...

सुन्दर प्रस्तुति.....!!

Darshan Darvesh said...

पीले गुलाब सी लड़की के खुशिओं के पल शब्दों के साथ निभ ही जाते हैं. विचार को भावना के साथ जिंदा देख रहा हूँ इन सारी नज्मों में, खूबसूरत , मुबारक !!

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,,रश्मी जी, बधाई

RECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...

Onkar said...

सही कहा आपने. खुशियों के पल छोटे होते हैं.

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार...

Unknown said...

बेहद सुन्दर भाव लिए खुबसूरत रचना ,जो जिन्दगी को करीब से दिखाती है.


मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स

Unknown said...

बेहद सुन्दर भाव लिए खुबसूरत रचना ,जो जिन्दगी को करीब से दिखाती है.


मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स

लोकेन्द्र सिंह said...

सच कहा... दुःख पहाड़ की तरह

मन के - मनके said...

खुशियां मोती होती हैं इसलिये छोटी होती है.

मन के - मनके said...

गाफ़िल प्रेम की अनकही चाहतें