Thursday, January 12, 2012

शि‍कवा......

मुलाकात जब हुई तो
भर आए अश्‍क दोनों के
मेरा शि‍कवा कुछ था
आपकी शि‍कायत कुछ और थी
कहते-कहते रूक गए कुछ
लब हम दोनों के
आप खामोश थे मेरे लि‍ए
मेरी चुप की वजह कुछ और थी.....।

9 comments:

  1. रश्मि जी बहुत ही सुंदर रचना, हमेशा की तरह निशब्द !

    आभार !!

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  2. सुन्दर रचना, ख़ूबसूरत भावाभिव्यक्ति,बधाई.

    कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधार कर अपना स्नेहाशीष प्रदान करें, आभारी होऊंगा.

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  3. सुंदर भावो कि बेहतरीन अभिव्यक्ती..

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  4. ख़ामोशी की वजह क्या है ?

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  5. ख़ामोशी को ही कुछ कहने दो ....

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  6. खूबसूरत रचना के लिए बधाई.

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  7. बहुत सुन्दर !
    चंद पंक्तियाँ चार चाँद !

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  8. achha likhti hain aap...safar mein rahiye..manzil ki chaah ke bina..

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