करो वादा अब
दिल पर हाथ रख के
यूं तन्हा शामों की
सौगात अब न दोगे....
रखोगे मुझे
सीने में छुपाकर
रोना पड़े जिसे सोचकर
मुझको कभी, ऐसे
ख्यालात अब न दोगे...
तेरी कमी सताए
हम राह तके और
कोई नजर न आए
जो आंखों ही आंखों में काटनी पड़े
वैसी रात अब न दोगे
लाख छुपाने से भी
छुपता नहीं हाल-ए-दिल
जमाने को हो जाए खबर
करो वादा ऐसे
हालात अब न दोगे......।
यूं तन्हा शामों की
सौगात अब न दोगे....
रखोगे मुझे
सीने में छुपाकर
रोना पड़े जिसे सोचकर
मुझको कभी, ऐसे
ख्यालात अब न दोगे...
तेरी कमी सताए
हम राह तके और
कोई नजर न आए
जो आंखों ही आंखों में काटनी पड़े
वैसी रात अब न दोगे
लाख छुपाने से भी
छुपता नहीं हाल-ए-दिल
जमाने को हो जाए खबर
करो वादा ऐसे
हालात अब न दोगे......।
क्या बात है....
ReplyDeleteवादा रहा :-) अच्छी और प्यारी कविता।
ReplyDeleteसुन्दर भाव
ReplyDeletebehad sundar....isse acca kuch nahi ho sakta
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रचना
ReplyDeleteबेहतरीन लिखा है, अच्छे शब्द, दिल की बात कलम से
ReplyDeleteहर बार की तरह इस बार भी वही खूबसूरती ... वही आवेग ... और वही बहाव ...एक अधूरेपन की अनबूझी कहानी ... शिलाओं के भीतर से आती रौशनी ... लिखती रहिये ... प्यार और आशीर्वाद
ReplyDeleteवादों पर ज़िंदगी नहीं कटती .....
ReplyDeleteसुदर एहसास. आभार.
ReplyDeletekomal bhav sundar rachana
ReplyDeleteजो आंखों ही आंखों में काटनी पड़े
ReplyDeleteवैसी रात अब न दोगे
बहुत सुन्दर....
वाह! बहुत सुन्दर....
ReplyDeleteबेहतरीन अंदाज़..... सुन्दर
ReplyDeleteअभिव्यक्ति........
sunder rachna
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