तुम्
हारी दी हैरानि
यां
अब बेचैनियों में तब्दील हो रही हैं
मगर
तुमने तो कहा था
तुम जी लेना
अपनी हैरानियों के साथ
फिर इन
बेचैनियों को
क्यों नहीं रोका पास आने से
न मैं न मेरा अक्स
कुछ भी तो नहीं पास
क्या
सब ले गए तुम
अपने साथ
और मुझे छोड़ गए
नितांत अकेली
अपनी हैरानियों के साथ......।
सही सवाल, उत्तर की तलाश जारी है ,आभार
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