इन आंखों में तो
तुम्हारी पहचान नहीं उभरती
मगर दिल,
दस्तक पहचानता है
दस्तक पहचानता है
और..... तुम्हारी आहट सुन
आतुर हो
आतुर हो
खोल देता है
बरसों से बंद पड़ा दरवाजा
बताओ न..
क्या बहुत पुरानी
पहचान है
बरसों से बंद पड़ा दरवाजा
बताओ न..
क्या बहुत पुरानी
पहचान है
तुम्हारी इस दिल से
या है
किसी जन्म का नाता
क्या है.....किसकी है
वो आवाज
जो इन कानों में उतरती है
तो अनचिन्ही नहीं लगती
और न ही शब्द अनसुने
क्या तुम और मैं
कभी ' हम' रहे थे
कहो न
कौन हो तुम ?????
या है
किसी जन्म का नाता
क्या है.....किसकी है
वो आवाज
जो इन कानों में उतरती है
तो अनचिन्ही नहीं लगती
और न ही शब्द अनसुने
क्या तुम और मैं
कभी ' हम' रहे थे
कहो न
कौन हो तुम ?????
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