Tuesday, July 5, 2011

करीब न आओ

"करीब आओ तुम
ठहर जाओ वहीं.....
डर लगता है
कि इसके बाद कहीं
दूर जाना पड़े,
तुम्हें भी पता होगा
आसमान और धरती का
मि‍लन नहीं होता कभी
और पतंगा
जि दि लौ से मिलता है
मिलकर सदा के लि
बिछ़ड जाता है
बाद मुद़दतों के
किस्मत से पाया है तुम्हें
इसलि कहती हूं
रीब आओ तुम
ठहर जाओ वहीं
डर
लगता है ......."

No comments: