Sunday, May 15, 2011

हमारा क्‍या ....


''ये गम सताता है आपको
कि‍ आपका आशि‍यां उजड़ गया
कुछ हम जैसों का भी सोचि‍ए
कि‍ इस दुनि‍या में हमारा क्‍या रह गया
एक-दो मौसम ही सही
बहारें तो आई थीं आपके चमन में
इक हम हैं कि‍ बि‍न बसे उजड़े
हमारे दामन में सि‍वा गम के और क्‍या रह गया ?''

1 comment:

ashokjairath's diary said...

अपनी एक कहानी
आओ
हमें सुनाओ

चित्रा ने भी एक कहानी
हमें कही थी

विभा से पूछ लेना
गलत मत समझना
हमारे मन में चित्र कहीं नहीं है
हम से जी चाहे तो बात करो