Thursday, April 17, 2008

गर आप न आए

मुद्दतें गुज़र गईं
दीदार न हुआ आपका
दिल क्या अब तलक भी
बेकरार न हुआ आपका
गुनाह है अपना
ठहराते हैं गुनहगार नसीब को
इस बात पे हमें
ऐतबार न हुआ आपका
गर आप न आए
तो थाम लेंगे हम
मौत का दामन
कह जाएंगे दुनिया को
हमसे इंतजार न हुआ आपका...

5 comments:

Udan Tashtari said...

गर आप न आए
तो थाम लेंगे हम
मौत का दामन
कह जाएंगे दुनिया को
हमसे इंतजार न हुआ आपका...


--गजब!!!

Reetesh Gupta said...

बढ़िया लिखा है ...बधाई

Keerti Vaidya said...

very nice....god bless u

कुमार आलोक said...

kuch nahee rakhaa hai game judai main ..
tham lijiye haath kisi ke parchai ke..

Unknown said...

hye/ Kay Baat Hai. I didn't know I have a friend like "Rashmi."
Good Luck
brajesh