तुम्हारे शब्द
स्मृति
कंटक राहों की डोर
तुम्हारा साथ
सागर का ठहराव
विश्वास
अटल चट्टान
और हृदय
पत्थरों से निकलकर
बहता हुआ
एक निर्मल
झरना
झरना
ये जीवन
बस तुममें ही
समाहित होगा
बस तुममें ही
समाहित होगा
आदर्श रहोगे तुम
'जिंदगी'
याद करेगी
'जिंदगी'
याद करेगी
तुमको
नीले स्वच्छ
आकाश सा,
तुम पास रहो
या नहीं
rashmi jee,
ReplyDeletebahut sundar rachnaa hai, shabdon kaa chayan aur prayog dil ko bhaa gaye.
तुम्हारा साथ
ReplyDeleteसागर का ठहराव
विश्वास
अटल चट्टान
और हृदय
पत्थरों से निकलकर
बहता हुआ
एक निर्मल
झरना
ati sundar
सुन्दर भाव.
ReplyDeleteमन में उठते भावों क्या सुंदर शब्द दिये हैं आपने ...साथ में एक लय होने के कारण कविता ह्रदय को छूती है ...बधाई
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