Tuesday, February 11, 2020

बुझ रही है शाम ...


बेहद सर्द और उदास है शाम आज
दूर तक है नहीं कोई पास आज
किसका रास्ता देखूँ, कौन आएगा
यादों में उसकी बुझ रही है शाम आज

2 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 13.02.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3610 में दिया जाएगा । आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी ।

    धन्यवाद

    दिलबागसिंह विर्क

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  2. बहुत बढ़िया पंक्तियाँ

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