अक्सर लताओं की तुलना स्त्री से की जाती है। पर क्या आप जानते हैं कि यह पीली लता जो आपको आसपास किसी बेर , कीकर या बबूल पर लिपटी हुई दिखती है, यह कितनी ख़तरनाक होती है उस पेड़ के लिए ?
इसका नाम आकाशबेल, अमरबेल या आकाशवल्लरी, आलोकलता है। स्वर्णलता भी इसे ही कहते हैं। सुनने में बड़े मोहक नाम हैं सभी, परंतु यह जिस पेड़ या पौधे से लिपटती है...उसी को धीरे-धीरे ख़त्म कर देती है। अपना आहार उसी पौधे से चूस लेती है। इसे आकाशबेल इसलिए कहते हैं क्योंकि अमरबेल मिट्टी में नहीं होती।
बेल पर शरद् ऋतु में कर्णफूल की तरह गुच्छों में सफेद फूल लगते हैं। बीज राई के समान हलके पीले रंग के होते हैं। यह बेल वसन्त और ग्रीष्म ऋतु में बहुत बढ़ती है और शीतकाल में सूख जाती है। हालाँकि आयुर्वेद में बहुत उपयोगी लता मानी जाती है। कई बीमारियों की औषधियां इससे तैयार होती है।
मगर है न कितनी ख़तरनाक लता। अब किसी कविता में नारी के बिम्ब के रूप में इसे प्रयोग करने से पहले एक बार सोचिएगा।
3 comments:
अमरबेल की उम्दा जानकारी .सुन्दर लेख.
अमरबेल को देखा है कई बार .आपके नजरिये से पहली बार देखा.
गज़ब का चिंतन है....सोचने लगे हम तो..👌👌
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