रूप का तिलिस्म जब अरूप का सामना करे, तो बेचैनियां बढ़ जाती हैं...
आपकी रचना बहुत ही सराहनीय है ,शुभकामनायें ,आभार "एकलव्य"
लाजवाब मुक्तक ...
सुन्दर पंक्तियाँ
ati sundar rachna
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आपकी रचना बहुत ही सराहनीय है ,शुभकामनायें ,आभार "एकलव्य"
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