Monday, December 5, 2016

कितने और 'संकल्‍प'


संसद के गलियारों से
सरहद के चिनारों से
पूछ रही एक आहत माँ
घाटी की बलिवेदी पर
कितने संकल्प चढाने हैं
बोलो रणचंडी की झोली में
कितने और शीश कटाने हैं !

नापाक पाक से बात नहीं
बर्दाश्त कोई और घात नहीं
नक्शे में अब ये पाक नहीं
चाहे मरमिटे अपने लाख सही
आतंक के ये धड , ये बाजू
अब काट-काट गिराने हैं !
बोलो रणचंडी की झोली में
कितने और शीश कटाने हैं !

वर्दी में सजा जब निकला था
लौटा तो तिरंगे लिपटा था
माँ के दूध की लाज बचा
शावक का शव, माटी से लिथड़ा था
जो घात लगाकर मारे उसे
उन श्रंगालो को सबक सिखाने हैं !
बोलो रणचंडी की झोली में
कितने और शीश कटाने हैं !

वो क्षत विक्षत शव उसका
मैं सूरत भी ना देख सकी
अंग प्रत्यंग विच्छेदित थे उसके
बर्बरता जैसे कहीं नहीं रुकी
संसद में सुरक्षित बैठे लोगों
बोलो कब ये कर्ज़ चुकाने हैं !
बोलो रणचंडी की झोली में
कितने और शीश कटाने हैं !

जिस जगह उसका अवसान हुआ
मन्दिर मेरा, वो शमशान हुआ
पोते-पोति‍यों संग रोज मैं जाती हूँ
उस शेर की कथा सुनाती हूँ
इन बच्‍चों की राह आसान नहीं
इनके सर पर पितृ –वितान नहीं
दूध रक्त औ’ कथ्य से सींच-सींच
किसलय से फौलाद बनाने हैं !
बोलो रणचंडी की झोली में
कितने और शीश कटाने हैं !

संसद के गलियारों से
सरहद के चिनारों से
पूछ रही एक आहत माँ 
घाटी की बलिवेदी पर
कितने संकल्प चढाने हैं
बोलो रणचंडी की झोली में
कितने और शीश कटाने हैं !

शहीद लेफ्टि‍नेंट कर्नल संकल्‍प कुमार के शहादत दि‍वस पर अर्पित कुछ पंक्‍ति‍यां 

7 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (07-12-2016) को "दुनियादारी जाम हो गई" (चर्चा अंक-2549) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  2. दिल को छूती रचना ... गहरे जज्बात सैनिक के प्रति ...

    ReplyDelete
  3. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 07 दिसम्बर 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    ReplyDelete
  4. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।

    ReplyDelete
  5. बहुत सुंदर प्रस्तुति

    ReplyDelete
  6. हृदयस्पर्शी प्रस्तुति।

    ReplyDelete
  7. सुन्दर अभिव्यक्ति।

    ReplyDelete

अगर आपने अपनी ओर से प्रतिक्रिया पब्लिश कर दी है तो थोड़ा इंतज़ार करें। आपकी प्रतिक्रिया इस ब्लॉग पर ज़रूर देखने को मिलेगी।