मत कहो किसी को
'जिंदगी'
कहने से रूठ जाती है
'जिंदगी'
जब लगता है कुछ खोने
तो ऐसे में
अपनी कीमत जताती है
'जिंदगी'
'जिंदगी'
कहने से रूठ जाती है
'जिंदगी'
जब लगता है कुछ खोने
तो ऐसे में
अपनी कीमत जताती है
'जिंदगी'
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हाथ से कुछ छूटते-छूटते भी
संभल जाता है
पल भर में जिंदगी का
चेहरा बदल जाता है
निराशा की
अंतहीन गहराइयों में भी उतरकर
तेरे प्यार के सहारे
फांस दिल का निकल जाता है....
संभल जाता है
पल भर में जिंदगी का
चेहरा बदल जाता है
निराशा की
अंतहीन गहराइयों में भी उतरकर
तेरे प्यार के सहारे
फांस दिल का निकल जाता है....
एक खूबसूरत दिन और मेरे कैमरे की नज़र....
जिन्दंगी में हमेशा कभी खुशी कभी गम लगा ही रहता है,बेहतरीन प्रस्तुति...!
ReplyDeleteRECENT POST -: पिता
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 13-02-2014 को चर्चा मंच पर दिया गया है
ReplyDeleteआभार
वाह, बहुत अच्छा।
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