Wednesday, October 23, 2013

ऐसे ही रहना तुम...


बहुत व्‍यस्‍तता थी उन दि‍नों....ना वो बात कर पा रहा था ...न मैं...शाम उदास सी....मैं छत पर डूबते सूरज और उगते तारों के बीच...एक आवाज के सहारे की आस लि‍ए घूम रही थी....बीच-बीच में सेल फोन पर नजर...एक बार तो पुकार ले वो.....ज़रा सा वक्‍त ही तो चाहि‍ए....उसके लबों से अपना नाम सुन लूं....

उदास शाम थी वो...मायूस मैं....तभी घंटी बजी....वही था.....उसकी बेचैन और जल्‍दबाजी में लि‍पटी आवाज सुनाई पड़ी......
उसने नाम लि‍या मेरा .....

आंसू छलक पड़े..जाने खुशी से या मान से.....उसने कहा...बहुत बि‍जी हूं..मीटिंग पर मीटिंग....टी ब्रेक पर दौड़ा आया......वो ये बता ही रहा था कि अचानक मैंने उसे जोर से चि‍ल्‍लाते पाया....

यस....आई एम टाकिंग टू माय गर्लफ्रेंड.....आई लव हर .....

मैं हैरान...क्‍या हो गया ऐसा.....

उसने कहा...मैं सबसे जान छुड़ाकर यहां आया हूं और एक आदमी तब से मेरे पीछे-पीछे चला आ रहा है....

कह दि‍या उससे भी....मुझे प्‍यार है तुमसे...

मैं हंसते-हंसते दोहरी हो गई.....वाकई....कभी-कभी एकदम से बदल जाते हो तुम....मगर मुझे प्‍यार है...तुमसे..तुम्‍हारी इन प्‍यारी बातों से....ऐसे ही रहना...


तस्‍वीर...गुजरे बरसों की

10 comments:

  1. मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
    एक बार अवश्य पधारिए.
    http://iwillrocknow.blogspot.in/

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  2. वाह...रश्मि जैसा ही खूबसूरत पोस्ट...!

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  3. बेहतरीन प्रस्तुति !!

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  4. बेहतरीन प्रस्तुति !!

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  5. बहुत प्यारी प्यारभरी कहानी।

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