Saturday, July 20, 2013

धूप और पानी का खेला.....


मोहब्‍बत कभी यूं ही
जन्‍म लेती है दि‍ल में 
जैसे खूबसूरत इंद्रधनुष के पीछे
धूप और पानी का खेला हो

न पूछना, न कहना कुछ
मि‍लीं नजरें और धड़का दि‍ल
फि‍र इतनी हसीन होती है जिंदगी
जैसे कोई खुशि‍यों का मेला हो

कि‍सी की गुनगनाती बातों में
डूबता जाता है मन
यूं अपने संग बहा ले जाता है कोई
जैसे भावनाओं का रेला हो.....


तस्‍वीर--साभार गूगल

10 comments:

  1. वाह. बहुत खूबसूरत

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  2. अपने संग बहा ले जाता है कोई
    जैसे भावनाओं का रेला हो.....---

    वाह कितना सच है प्रेम में बहना
    सुंदर अनुभूति
    सादर

    आग्रह है--
    केक्ट्स में तभी तो खिलेंगे--------

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    साझा करने के लिए शुक्रिया!

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  4. कि‍सी की गुनगनाती बातों में
    डूबता जाता है मन
    यूं अपने संग बहा ले जाता है कोई

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  5. बहुत सुन्दर

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  6. बहुत सुंदर
    यहाँ भी पधारे ,

    हसरते नादानी में

    http://sagarlamhe.blogspot.in/2013/07/blog-post.html

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  7. बहुत सुंदर

    यहाँ भी पधारे
    गुरु को समर्पित
    http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_22.html

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