रूप का तिलिस्म जब अरूप का सामना करे, तो बेचैनियां बढ़ जाती हैं...
nazuk bahv....bahut sunder
सुन्दर रचना !!
खूबसूरत एहसास
तुम संग जिया न जाएतुम बिन जिया न जाएओ मेरे सांवरिया, सुनबतियां ये तुझसे कही न जाए....bahut badhiya ....
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार(8-6-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।सूचनार्थ!
बहुत बढ़िया
जीवन का सौंदर्य इसी में है !
बहुत खूबसूरत और नाज़ुक एहसास
सुन्दर प्रस्तुति !LATEST POST जन्म ,मृत्यु और मोक्ष !latest post मंत्री बनू मैं
achcha geet hai umda tulna ki gai hai
कुदरत के खजाने से अद्भुत बिम्ब लेकर एक बेहद खूबसूरत संयोजन ....वाह !!
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nazuk bahv....bahut sunder
ReplyDeleteसुन्दर रचना !!
ReplyDeleteखूबसूरत एहसास
ReplyDeleteतुम संग जिया न जाए
ReplyDeleteतुम बिन जिया न जाए
ओ मेरे सांवरिया, सुन
बतियां ये तुझसे कही न जाए....bahut badhiya ....
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार(8-6-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
ReplyDeleteसूचनार्थ!
बहुत बढ़िया
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ReplyDeleteबहुत खूबसूरत और नाज़ुक एहसास
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति !
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achcha geet hai umda tulna ki gai hai
ReplyDeleteकुदरत के खजाने से अद्भुत बिम्ब लेकर एक बेहद खूबसूरत संयोजन ....वाह !!
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