Thursday, May 23, 2013

मुख्‍़तसर सी बात है.....


उदासी की दूसरी किस्‍त
* * * *

आज सुबह आंखें खुली तो पाया.....पलकों की कोर में आंसुओं की नमी है। पता भी नहीं लगा और याद में तेरी रात भर रोती रही आंखें।
इस भोर में ही कहीं दूर गाने की मधुर आवाज आ रही थी। हेमंत कुमार की आवाज ............तुम...... पुकार लो.....तुम्‍हारा.... इंतजार है....

तुम्‍हें याद है.....तुम अक्‍सर इस गीत को गाते समय....मुख्‍़तसर सी बात है......गाकर एक लंबा वि‍राम लेते थे............मैं आंखें उठाकर देखती थी तुम्‍हें.......और तुम थमकर....मेरी आंखों में झांकते हुए..........बहुत प्‍यार से कहते .थे...................''तुमसे प्‍यार है''

मेरी लाज भरी चि‍तवन और धड़कते दि‍ल को महसूस कर तुम बेसाख्‍ता मुस्‍करा देते थे.....कहते थे....कहो न तुम भी। और मैं झट से बात बदल देती थी। इस गाने ने आज मेरा दर्द और बढ़ा दि‍या। इस कसक को कैसे शब्‍द दूं। बस......तुम महसूस करो... मुझे..मेरे दर्द  को...अपनी इस बेइंतहा कमी को

बहुत गर्मी है इन दि‍नों। दोपहर को लू चलती है। तेज हवा..... सांय-सांय। सब तरफ तपन है, जलन है। सर दर्द से फटा जा रहा है। और वो बैरन कोयलि‍या.....कुहू -कुहू की आवाज से जीना दूभर कर रही है।  ऐसा लगता है कि वो भी मेरी तरह अपने प्रि‍य के लि‍ए पागल हो रही है...बुला रही है। मैंने तस्‍वीर ली उस कोयल की....दूर झाड़ि‍यों में बैठे.....मेरी ही तरह वि‍रहाग्‍नि में जलते...

जानां.... मेरे दि‍न-रात उदास कर कहां चले गए तुम....इतने निर्मोही ......??  पल भर भी मेरे बगैर नहीं रहते थे तुम..... जरा सी देर हुई नहीं कि शोर मचा देते थे........सुनो न.....सुनो न......

आओ न वापस.....है कोई मजबूरी तो वो ही बता दो तुम...अब पक्‍का मैं चुप नहीं रहूंगी। तुमने कहा था न जाते वक्‍त.......कुछ बोलो न....मीठा सा.....मैंने हर बार की तरह झि‍ड़क दि‍या...मगर अब

देखो..आज मैं कह रही हूं...........मुख्‍़तसर सी बात है......''तुमसे प्‍यार है''

तस्‍वीर--बैरन कोयलि‍या और मेरा कैमरा

11 comments:

  1. कोयल की कूक में भी उदासी
    यह उदासी जल्द ख़त्म हो तो अच्छा
    सादर आभार !

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  2. बहुत अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...

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  3. अपनत्व और प्यार का बहुत महीन और खूबसूरत अहसास
    "तुमसे प्यार है"
    बहुत सुंदर
    बधाई

    आग्रह हैं पढ़े
    ओ मेरी सुबह--

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  4. bhavatmk parastha ka charam bindi,kya bat hai,jishm aur rooh ko b-khubi jod diya aapne

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  5. दूसरा पन्ना भी सीला :-(
    तुम्हारा इंतज़ार है...........

    अनु

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  6. बहुत सुंदर, क्या कहने
    बहुत सुंदर

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  7. मुख़तसर सी बात है,तुम बिन कोई उदास है,हमें तुमसे प्यार है, पर तुम्हे ...? अच्छी रचना के लिए बधाई

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  8. सचमुच, बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने... ये गीत भी बड़ा सुरीला है.....

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